अगर आप दो–चार सीढ़ियाँ चढ़ते ही तेज़-तेज़ साँस लेने लगते हैं, हल्का काम करने पर भी छाती में भारीपन महसूस होता है, या टहलते समय अचानक थकान बढ़ जाती है — तो इसे केवल “कमज़ोरी या साधारण थकान” समझकर अनदेखा करना ख़तरनाक हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार, शरीर का इस तरह जल्दी थक जाना दिल और फेफड़ों से जुड़ी बीमारी का प्रारम्भिक संकेत होता है।
यानी शरीर पहले ही समय पर चेतावनी दे रहा होता है कि दिल पूरा रक्त उतनी क्षमता से पम्प नहीं कर पा रहा, जितनी आवश्यकता है। इसी कारण शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम पड़ जाती है और साँस फूलने लगती है।
साँस फूलने और दिल की सेहत का सम्बन्ध
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब दिल की मांसपेशियों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुँचता, या दिल में रक्त प्रवाह कम होने की स्थिति शुरू हो जाती है, तब शरीर थोड़ा प्रयास करने पर भी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन चाहता है। इस कमी को पूरा करने के लिए दिल तेज़ धड़कने लगता है और साँस लेने की गति अचानक बढ़ जाती है। यही वजह है कि थोड़े से श्रम पर भी साँस फूलने लगती है।
लगातार थकान आना भी चिन्ह
यदि बिना किसी कारण के रोज़-रोज़ थकान बनी रहती है — विशेष रूप से सुबह उठते ही — तो यह भी इसके संकेत हैं कि दिल शरीर के ऊतकों तक उतनी ऑक्सीजन नहीं पहुँचा पा रहा, जितनी ज़रूरत है। इसलिए सामान्य कार्य भी कठिन लगने लगते हैं।
पैरों में सूजन? अनदेखा न करें
दिल की कमज़ोर कार्यक्षमता का असर पैरों तथा टखनों पर सबसे पहले दिखता है। रक्त और तरल पदार्थ नीचे जमा होने लगते हैं और सूजन दिखाई देने लगती है। यह एक स्पष्ट चेतावनी संकेत है, जिस पर तुरंत हृदय रोग विशेषज्ञ से जाँच करानी चाहिए।
रात को खाँसी या घबराहट भी संकेत
कई लोगों को रात में अचानक खाँसी या बेचैनी महसूस होती है। चिकित्सकों के अनुसार, यह फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा होने के कारण होता है — जो दिल के कार्य में दोष का संकेत देता है।
निष्कर्ष
यदि ये लक्षण लगातार दिखाई दें — साँस फूलना, बार-बार थकान, पैरों में सूजन, रात में खाँसी या घबराहट — तो देर न करें। यह शरीर का आपात संकेत है कि दिल पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से जाँच कराना आवश्यक है।
(साभार)